THE SINGLE BEST STRATEGY TO USE FOR भाग्य VS कर्म

The Single Best Strategy To Use For भाग्य Vs कर्म

The Single Best Strategy To Use For भाग्य Vs कर्म

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कई बार लहरों से डरने वाला ऊपर वाले का धन्यावाद भी करता है कि वो नौका लेकर नहीं उतरा, वरना सामने वाले की तरह डूब जाता, जीवन को एक ही पहलू से मत देखो, जिनकी कविता का आपने ज़िक्र किया है, उनके बेटे ने हाथ में नग पहना हुआ है, क्योंकि कोशिश कामयाब नहीं हो रही थी, कामयाब उन्हें नग ने भी नहीं किया, उनका समय सही शुरू हुआ तो दुबारा कामयाबी मिल गयी, वरना नग तो अभिषेक ने भी पहना था

ज्योतिष कर्मशास्त्र का ही एक हिस्सा है भाग्य को कोई काट नहीं सकता, भाग्य ने जो लिख दिया समझो लिख दिया। इस बात से डरने की कोई वजह नहीं, क्योंकि भाग्य भी हम ही बनाते हैं।

हर चीज एक कर्म है, कुछ करना एक कर्म है और कुछ न करना भी एक तरह का कर्म है।

Do vyakti apne apne khet me kua khodate hai ak vykti ke kue se pani nikal ata hai dusre ke kue me pani nahi nikalta ye kaya Hello!

दूसरा उदाहरण- कोई भी परीक्षा हो, चाहे व्यावसायिक या कोई और, उसमें कई ऐसे लोग पास हो जाते हैं जिन्होंने कई अनुत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों के मुकाबले कम तैयारी (मेहनत) की होती है। अधिक तैयारी वाले रह जाते हैं, कम तैयारी वाले निकल जाते हैं। ऐसा क्यों? इसका सीधा तार्किक जवाब है कि पेपर बनाने वाले ने उन अध्यायों में से सवाल दे दिए जो कम तैयारी करने वाले परीक्षार्थी ने पढ़े थे जबकि अधिक तैयारी वाले परीक्षार्थी से वे अध्याय किसी कारण से छूट गए थे। यहां यह बताना भी जरूरी है कि पेपर वाले की मंशा न तो किसी खास व्यक्ति को पास करने की थी और न ही अनुत्तीर्ण करने की। उसने तो ईमानदारी से अपना कर्म (जिम्मेदारी) किया था। अब यहां कर्म पेपर बनाने वाले का था और भाग्य परीक्षार्थियों का।

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कर्म से भाग्य बनता है और ये भाग्य हमें ऐसी परिस्तिथियों में डालता रहता है जहाँ हम कर्म कर के विजयी सिद्ध हों या परिस्तिथियों check here के आगे हार मान कर हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे और बिना लड़े ही पराजय स्वीकार कर लें

और क्या कहना चाहते हैं कर्मों के बारे में?

क्या सचिन तेंदुलकर की निष्ठा जूनून , लगन , अनुशासित जीवन और हार्ड वर्क को हम नकार सकते हैं

२ ) कई बार जिसे हम भाग्य समझ कर दोष देते हैं वो हमारा गलत डिसीजन होता है

“दैव-दैव आलसी पुकारा”- आलसी ही दैव (भाग्य) का सहारा लेता है.

खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले

मेरी भी एक दिन एक विद्वान महापुरुष से मुलाकात हुई जो आध्यात्म में काफी जाने माने और ज्योतिष में भी विख्यात महापुरुष हैं। मेरी बहुत इच्छा थी की मैं उनसे ज्योतिष सीख सकूं। एक दिन मैं उनके आश्रम पहुंच गया जहां वह अपने अनुयायियों के साथ कुछ वार्तालाप कर रहे थे।

I think in almost all of cases luck prevails in excess of labour or karma. I've viewed most of these people that had under no circumstances been seriously interested in their occupation and spent time aimlessly with pals and continue to obtained excellent work.

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